मुख्यमंत्री के लिए मुख-मंथन जारी……

देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव संपन्न हो गये, 3 दिसंबर को चुनावी परिणाम भी आ चुका लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री का नाम सामने नहीं आया, हालांकि राजनैतिक गलियारों में गहमागहमी का माहोल लगातार बना हुआ है

पांचों राज्यों में चुनाव देश के प्रधानमंत्री मान्यनीय नरेंद्र दामोदर दास मोदी के‌ चेहरे पर लडा़ गया, जिसमें बीजेपी को 3 राज्यों में संपूर्ण बहुत मिला, लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए अभी भी संसय बना हुआ है, ये मोदी मैजिक ही है जो परिवर्तन जैसे शब्दों के मायने ही परिवर्तित कर दिया है

सबसे पहले बात करते हैं मिजोरम की तो

इन पांच राज्यों में से मिजोरम में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZMP) ने 40 में से 27 जीत कर बहुमत हासिल किया जो कि पिछले विस 2018 से 8 सीटें अधिक जीत कर स्पष्ट बहुमत हासिल किया, ZPM दल के प्रमुख लालदुहोमा ने 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ लिए,

कौन है लालदुहोमा ????

मिजोरम में सबसे बड़ी पार्टी बनकर निकली ZPM दल के अध्यक्ष हैं, लालदुहोमा जो की पूर्व में एक IPS आफिसर थे। साथ ही सन 1972-1975 तक मुख्यमंत्री के मुख्य सहायक रह चुके हैं, लालदुहोमा ने कांग्रेस से जुड़ने के लिए अपने पद से त्यागपत्र दे दिए और 1984 में मिजोरम की लोकसभा सीट से जीत हासिल किए और उसके बाद ZPM की स्थापना किए और फिर एक पापुलर नेता बनकर उभरे

अब बात करते हैं तेलंगाना की….

तेलंगाना हैदराबाद से अलग होकर 2 जून 2014 को एक नए राज्य के रूप में दर्जा प्राप्त किया, वर्तमान समय में कांग्रेस ने तेलंगाना में स्पष्ट बहुमत हासिल किया और और कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी के नाम पर मुहर लगा दिया है

कौन है रेव़त रेड्डी ???

रेवंत रेड्डी छात्र जीवन में AVBP के सदस्य रहे, सन् 2006 में, स्थानीय निकाय चुनाव लड़ा और एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मिडजिल मंडल से ZPTC सदस्य के रूप में चुने गए। सन् 2007 में, रेवंत रेड्डी को एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में एमएलसी के सदस्य के रूप में चुना गया, उसके बाद में, उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की और उनसे ही जुड़ गये । उसके बाद 2017 में टीडीपी से अलग होकर 2018 में नेशनल कांग्रेस से जुड़ गये और वहां से विधानसभा का चुनाव जीते

अब चलते हैं, छत्तीसगढ़ की ओर….

छत्तीसगढ़ में नेशनल कांग्रेस की सरकार थी और वहां से बीजेपी ने बहुमत हासिल किया, छत्तीसगढ़ में बहुत से मंथन के बाद बीजेपी ने रमण सिंह को हटाकर नये मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया है, यहां पर बीजेपी ने 90 में से 54 सीटें जीतकर आई है, और बिष्णुदेव साय को नये मुख्यमंत्री के तौर पर लेकर आए हैं

विष्णुदेव साय का परिचय

विष्णुदेव साय अपने राजनैतिक जीवन का शुरूआत एक ग्राम पंचायत चुनाव से हुआ, और वहां से वह निर्विरोध सरपंच चुने गये, बाद में 1990 में विधानसभा चुनाव जीतकर आए और 1998 तक विधायक रहे और 1999 में लोकसभा का चुनाव जीतकर आए, उसके बाद मोदी जी के सरकार में इस्पात और खनन मंत्री रहे। 2006 में बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया, इसके बाद 2023 में बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय एक बड़े आदिवासी नेता हैं और छत्तीसगढ़ में बहुत अच्छी पकड़ है

अब चलते हैं मध्यप्रदेश और राजस्थान की ओर…..

मध्यप्रदेश और राजस्थान में अभी तक मुख्यमंत्री का चेहरा सामने नहीं आ पाया और उसकी वजह है, प्रदेश में किसी नये चेहरे को सामने लाने पर कार्य कर सकते हैं

राजस्थान में जयपुर से दिल्ली तक राजनीति गलियारों में लगातार हलचल बना के रखा हुआ है

जयपुर से वसुंधरा राजे और बेटे दुष्यंत सिंह के साथ मिलकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की, और अपनी दावेदारी और पक्ष रखने के लिए लगातार बड़े नेताओं से मुलाकात कर रही है

उधर दीया कुमारी ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात करके जीत की बधाई दी है, आपको बता दें दीया कुमारी ने सांसद के रूप में अपना स्तीफा सौप दी है

एक तरफ गजेन्द्र सिंह शेखावत के नाम पर भी चर्चा गर्म है, वर्तमान में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री है, ये वही नेता हैं जो अशोक गहलोत को सामने से खुला चैलेंज देकर रखा था

ग्रामीण मंत्री राज्यवर्धन का नाम भी रेश में आगे है, ऐसा कहा जा रहा है कि राज्यवर्धन ने जो कहा वह करके दिखाया है, जयपुर ग्रामीण से सांसद रह चुके राज्यवर्धन ने अपने सांसद पद से स्तीफा दिया है

इन सबके बीच भी एक और नाम है बालकनाथ का बालकनाथ का नाम भी लगातार आगे आ रहा है और अभी अभी बालकनाथ और योगी आदित्यनाथ की लगातार बैठक हो रही है, इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हो सकता है अगला CM बालकनाथ हो सकते हैं

मध्यप्रदेश में कौन??????

सबसे बड़ी गहमागहमी का माहौल मध्यप्रदेश की राजनीति के गलियारों में है, यहा कांग्रेस के एन्टीकमबैसी का लग रहा था, लेकिन यहा बीजेपी ने स्पष्ट बहुमत हासिल करके सभी को चौका दिया…

मध्यप्रदेश में वर्तमान समय में बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान की सरकार पिछले 18 वर्षों से लगातार है, लोगों के बीच परिवर्तन की लहर को नकारते हुए भारी संख्या में सीट लाकर शीर्ष नेतृत्व के सिर दर्द का काम दे दिया है

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने इस जीत श्रेय लाड़ली बहनो को दिया है, शिवराज सिंह चौहान के लगातार बयानों से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अबकी बार शिवराज के राज को दोहराने के मूड में नहीं है,

दूसरा नाम महाकौशल प्रांत से विधायक प्रहलाद पटेल का नाम आगे आ रहा है, जो की महाकौशल प्रांत के एक कद्दावर नेताओं में गिनती होती है

कैलाश विजयवर्गीय भी रेश में आगे…. कैलाश विजयवर्गीय को केन्द्रीय नेतृत्व ने इंदौर से उम्मीदवार उतारा था, जो कि जीत कर आए हैं और इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री को दिए हैं,

इस रेश में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले नाम सीधी विधानसभा से जीत कर आयी विधायक रीति पाठक का है, रीति पाठक के साथ कुछ ऐसा है कि इनको भी केन्द्रीय नेतृत्व ने मैदान पर उतारा और सीधी के कद्दावर नेता केदारनाथ शुक्ला के बागी होने से बीजेपी ने नुकसान की भरपाई के लिए ही उतारा था जिसको वह पूरी तरह से सफल हुए साथ ही रीति पाठक को मोदी के बहुत करीबी नेताओं में गिनती किया जाता है, हो सकता है इसका फल भी मिल सके

बाकी अब मुख्यमंत्री कौन होगा यह केन्द्रीय मंत्रणा और परिवेक्षक दल के साथ बैठक के बाद ही चलेगा, तब तक सबकी मंत्रणा चलती रहेगी

Hailights

राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन बनेगा

मध्यप्रदेश में कौन बनेगा मुख्यमंत्री

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